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- In The Case Of 19 MLAs, Including Sachin, Filed A Petition Challenging The High Court’s Decision To Withdraw From The Supreme Court, Mahesh Joshi Wrote A Letter
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जयपुर33 मिनट पहले
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सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेने की अर्जी दायर की है
- सचिन पायलट खेमे से राजनीतिक सुलह हो गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित था
सचिन पायलट सहित उनके खेमे के 19 विधायकों को बगावत के बाद स्पीकर के नोटिस को हाईकोर्ट से स्टे करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस लेने की कवायद शुरू कर दी है। सरकारी मुख्य सचतेक महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस लेने के लिए आज चिट्ठी लिखी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में महेश जोशी बनाम पीआर मीना व अन्य केस में दायर याचिका को वापस लेने के लिए अर्जी दाखिल कर दी गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस पर आगे सुनवाई के बाद फैसला होगा।
अभी स्पीकर सीपी जोशी की याचिका यथावत है, पायलट खेमे की बगावत के वक्त स्पीकर के नोटिस को स्टे करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, कानूनी जानकारों का कहना है कि महेश जोशी की याचिका वापस लेने की अर्जी के बाद स्पीकर की याचिका का निस्तारण भी उसी के अुनरूप करने का ग्राउंड बन जाएगा क्योंकि स्पीकर ने भी महेश जोशी की याचिका पर ही नोटिस जारी किए थे।
स्पीकर के नोटिस से लेकर हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट और अब याचिका वापस लेने की यह है क्रोनोलॉजी
सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद 19 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 13 जुलाई 2020 को स्पीकर सीपी जोशी के यहां याचिका दायर की थी। इसके बाद 16 जुलाई को स्पीकर ने सभी विधायकों को नोटिस जारी कर उनके एक्ट के बारे में स्पष्टीकरण पूछा। पायलट खेमे के विधायकों ने स्पीकर को जवाब नहीं देकर स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। यह याचिका पीआर मीणा और अन्य की थी। 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने स्पीकर के नोटिस सहित पूरी प्रक्रिया पर स्टे कर दिया। इसके खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी और सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संवैधानिक प्रश्न भी उठा था कि स्पीकर के नोटिस के बीच कोर्ट हस्तक्षेप कर सकता है या नहीं। इस बीच सचिन पायलट खेमे से सरकार की सुलह हो गई और 14 अगस्त 2020 को सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया, पायलट खेमे से सुलह हो गई लेकिन कोर्ट मेंं दायर मुकदमे यथावत थे। 12 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को नोटिस जारी किए थे। अब याचिका वापसी की अर्जी लगाई है।
याचिका वापस लेने की अर्जी पर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं
सचिन पायलट खेमे से सुलह के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले से कई सवाल खड़े हो रहे थे। अब राजनीतिक हालात बदले हुए हैं, पायलट और उनके खेमे के सभी विधायक कांग्रेस के साथ आ चुके हैं, सुप्रीम कोर्ट में चल रही याचिका से विवाद बढ़ने की आशंका थी। इसलिए अब याचिका वापस लेने की अर्जी दायर की गई है। राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि पायलट खेमे के विधायकों को मैसेज देने के लिए भी याचिका वापस लेने के पीछे बड़ा कारण हो सकता है।