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अजमेर22 दिन पहले
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- शहर के 80 वार्ड के लिए आठ जगहाें पर नामांकन की व्यवस्था, कोविड नियमों की पालना कराने पर भी रहेगा विशेष ध्यान
राज्य निर्वाचन आयाेग की ओर से जारी दिशा निर्देश के तहत साेमवार काे नगर निगम चुनाव के लिए लाेक सूचना जारी हाे जाएगी। इसके साथ नामांकन भरने का सिलसिला भी शुरू हाे जाएगा। इस बार वार्डाें की संख्या 60 से बढ़कर 80 हाे गई है।
काेराेना संक्रमण के मद्देनजर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुराेहित ने एक ही जगह नामांकन लिए जाने की बजाए आठ अलग-अलग स्थान और अधिकारी तय कर दिए हैं। इससे एक ओर जहां नामांकन भरने वालाें आवेदकों काे सुविधा हाेगी वह साेशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा बरतते हुए प्रक्रिया पूरी हाे पाएगी। यह आठ जगह हैं जहां वार्डवार जमा हाेंगे नामांकन (जिला निर्वाचन कार्यालय से 21 जनवरी 2020 काे जारी आदेश अनुसार सूची है। इसमें परिवर्तन की दशा में जिला निर्वाचन कार्यालय अजमेर की सूचना काे ही अधिकृत माना जाए।
पार्षद के लिए नामांकन भरने जा रहे हैं ताे नियम जानना जरूरी
नगर निगम चुनाव का आगाज हाे चुका है। साेमवार से नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हाे जाएगी। निगम में 80 वार्ड के लिए राजनीतिक दलाें के अलावा बड़ी संख्या में निर्दलीय भी अपना भाग्य अाजमाएंगे। नगर पालिका अधिनियम के तहत कुछ लोगों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी है और इसे डिसक्वालीफिकेशन माना जाता है। ऐसे में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को यह जान लेना जरूरी है कि कानून के तहत कोई ऐसी पाबंदी तो नहीं है, जिसकी वजह से नामांकन निरस्त हाे या बाद में चुनाव निरस्त हो जाए।

राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत यह है निर्याेग्यताएं
- अगर वह व्यक्ति किसी सक्षम न्यायालय द्वारा नैतिक अधमता से जुड़े किसी अपराध के लिए या किसी भी अन्य अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो और छह महीने या अधिक के कारावास से दंडित किया गया हो।
- अगर किसी व्यक्ति को नगर पालिका कानून की धारा 245 के तहत पालिका भूमि पर अतिक्रमण का दोषी ठहराते हुए सिद्ध दोष ठहराया गया हो।
- यदि किसी व्यक्ति को ऐसे सक्षम न्यायालय के जिसने अपराध का संज्ञान लिया हो और उसके विरुद्ध पांच वर्ष व उससे अधिक के कारावास के दंडनीय किसी अपराध के लिए लंबित प्रकरण में आरोप तय कर दिए हों ।
- यदि कोई खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो।
- किसी व्यक्ति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 110 के तहत पाबंद किया हुआ हो लेकिन पाबंदी की अवधि समाप्त होने के बाद यह डिसक्वालीफिकेशन नहीं रहेगा।
- यदि वह सरकारी नौकरी में रहते हुए मिस कंडक्ट का दोषी रहा हो और इसकी वजह से उसे नौकरी से हटाया गया हो।
- यदि वह व्यक्ति प्रोफेशन प्रेक्टिशनर रहा हो और उसे ऐसी प्रेक्टिस से सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर हटाया गया हो।
- यदि वह व्यक्ति नगर निगम की प्रदान शक्ति या व्यवस्था के अंतर्गत कोई लाभ का पद धारण करता हो।
- नगर पालिका कानून की धारा 35 के तहत चुनाव संबंधी अपराध या भ्रष्ट आचरण का दोषी रहा हो या धारा 41 के अंतर्गत अयोग्य घोषित किया गया हो।
- यदि वह व्यक्ति विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो।
- अगर वह व्यक्ति किसी केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी के अधीन वैतनिक या अंशकालिक नियुक्ति धारण करता हो।
- अगर वह व्यक्ति किसी विश्वविद्यालय या निगम, निकाय, उद्यम या सहकारी सोसायटी जो राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित या पूर्णत: या अंश: वित्त पोषित हो के अधीन कोई वैतनिक या अंशकालिक नियुक्ति धारण करता हो।
- यदि वह व्यक्ति दिवालिया घोषित हो।
- यदि वह व्यक्ति किसी सक्षम न्यायालय से विकृत चित घोषित किया गया हो।