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भरतपुर18 दिन पहले
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भरतपुर. केंद्रीय कृषि बिलों को लेकर रविवार को किसानों से संवाद करते हुए चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग
- डॉ. सुभाष गर्ग ने नए कृषि कानून की बताई खामियां, सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि कानूनों से किसानों को भारी नुकसान होगा। इससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बन कर रह जाएंगे। क्योंकि इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं हैं और स्टॉक लिमिट भी खत्म कर दी गई है। इसलिए इन्हें वापस लेने के लिए किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखें। चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने रविवार को भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के 4 गांवों में हुए किसान संवाद कार्यक्रम के दौरान किसानों को संबोधित कर रहे थे।
मडरपुर ग्राम पंचायत के बराखुर, गांवडी, फुलवाड़ा और पीपला गांवों में डॉ. गर्ग ने कहा कि इन कानूनों को बनाने में केन्द्र सरकार ने बडी चालाकी से कार्य किया। इन्हें कृषि के बजाय व्यापार एवं वाणिज्य सूची में बनाया, क्योंकि कृषि राज्यों का विषय है। इनमें समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं है और स्टाक सीमा भी समाप्त कर दी है। इससे जमाखोरी बढेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उद्योगपतियों के 7 लाख करोड रुपए के कर्जे माफ कर दिए, लेकिन वाणिज्यिक बैंकों से किसानों को मिले कर्जे माफ नहीं कर रही है। इस मौके पर लोकदल के संतोष फौजदार, कांग्रेस के सतीश सोगरवाल, संजय शुक्ला, मनोज शर्मा आदि मौजूद थे।
मंत्री बोले-किसान 45 दिन से सड़कों पर बैठे हैं केंद्र सरकार हठधर्मिता अपनाए है
चिकित्सा राज्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों से कान्ट्रेक्ट फार्मिंग का सारा लाभ पूंजीपतियों को मिलेगा और किसान अपने खेत में ही मजदूर बनकर रह जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन तीनों काले कानूनों में समर्थन मूल्य जारी रखने की कोई गारंटी नहीं है और स्टाॅक सीमा भी समाप्त कर दी है। कड़ाके की ठंड एवं विपरीत मौसमी परिस्थितियों में किसान 45 दिन से सड़कों पर बैठे हैं। लगभग 70 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। फिर भी केन्द्र सरकार हठधर्मिता अपनाए हुए है।
फरवरी तक भरतपुर विधानसभा के सभी गांवों को मिलेगा चंबल का पानी
डाॅ. गर्ग ने कहा कि भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी गांवों में फरवरी तक चंबल का मीठा पानी उपलब्ध करवा दिया जाएगा। जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक घर में नलों से पेयजल उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में चंबल का पानी नहीं मिल पाएगा, वहां सोलर पंप अथवा हैंडपंप से पानी मुहैया कराया जाएगा।
किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा के लिए ईस्टर्न कैनाल योजना को मंजूर कराने के प्रयास; डॉ. गर्ग
डाॅ. गर्ग ने बताया कि इस्टर्न कैनाल परियोजना को मंजूर करवाने के प्रयास किए जा रहे जा रहे हैं जिससे किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिल सके। इसके साथ ही राज्य सरकार ने प्रदेश के 15 जिलों में दो ब्लाक में दिन के समय बिजली देना शुरू कर दिया है। दूसरे चरण में भरतपुर जिले को शामिल किया गया है।
घरों में सिंगल फेस बिजली मिलने लगेगाी। इसके लिए गांवों में अलग से ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामपुरा और बरसो में अगले शिक्षा सत्र से सीनियर सैकेंड री की कक्षाएं शुरू कराई जाएंगी। मालीपुरा के संस्कृत स्कूल को क्रमोन्नत करवाकर माध्यमिक स्तर का किया जाएगा। बलाई समाज की बगीची में चारदीवारी और खरंजे का निर्माण कराया जाएगा।