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अलवर16 दिन पहले
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शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर एक दिन पहले आसपास के ग्रामीण भी इस तरह हाइवे पर आ गए थे।
- किसान बोले- हरियाणा सरकार ले निर्णय, ग्रामीणों ने कहा- हमें हो रही परेशानी
कृषि कानूनों के विरोध में शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर एक बार फिर से किसान और आसपास के कुछ ग्रामीणों के बीच हल्का टकराव हुआ है। ग्रामीणों की आपत्ति पर किसानों ने दो टूक जवाब दिया है कि हाइवे पर पड़ाव डालने के लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। हमें दिल्ली कूच करने दिया जाए। नहीं तो मजबूरी में यहीं पड़ाव रहेगा। जबकि आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि हाइवे जाम होने से छोटे-मोटे दुकानदारों का कामकाज ठप हो गया है। ग्रामीणों को भी परेशानी है।
कई बार आ चुके, इस बार टैंट लगा लिया
12 दिसम्बर से किसानों का हाइवे पर पड़ाव चल रहा है। इसके बाद कई बार आसपास के दुकानदार, पेट्रोल पंप मालिक व वाहन मालिक आपत्ति जता चुके हैं। उनका यही कहना है हाइवे पर पड़ाव होने के कारण उनका काम धंधा चौपट हो चुका है। लेकिन, इस बार कुछ लोग हरियाणा की तरफ टैंट लगाकर बैठे हैं। जिसको लेकर को रविवार को भी किसान व ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई। जिसमें किसान नेताओं ने दो टूक कहा कि हाइवे पर पड़ाव के लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। उनको दिल्ली की तरफ जाने दिया जाए तो हाइवे अपने आप ही खुल जाए। ग्रामीणों को भी हरियाणा सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार
केन्द्र सरकार व किसानों के बीच कई चरणों की वार्ता हो चुकी है। लेकिन, अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। लेकिन, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। कोर्ट के निर्देश या सुझाव से आंदोलन के आगे का रुख साफ हो सकता है। इस कारण पूरे देश की नजर कोर्ट की सुनवाई पर है। शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर भी बहुत जल्दी कुछ बदलाव देखा जा सकता है।
किसानों का आना-जाना जारी
असल में अब भी बॉर्डर पर नियमित रूप से किसानों का आना-जाना जारी है। मतलब कुछ किसान आते हैं। कुछ वापस चले जाते हैं। असल में दो दिसंबर से बॉर्डर पर किसानों का पड़ाव जारी है। 12 दिसंबर से किसानों का हाइवे पर पड़ाव शुरू हुआ था। पहले जयपुर-दिल्ली लेन को बंद किया गया। 25 दिसम्बर से दिल्ली जयपुर लेन को भी बंद कर दिया था। उसके बाद नेशनल हाइवे पूरी तरह से बंद हैं। किसान हाइवे पर जमे हुए हैं। बीच-बीच में आसपास के ग्रामीण हाइवे बंद होने पर नाराजगी जता चुके हैं। लेकिन, अब कुछ किसान भी हरियाणा की तरफ हाइवे पर आ चुके हैं। उनके आगे की रणनीति का भी कोर्ट की सुनवाई के बाद पता चल सकेगा।
रामपाल जाट ने कहा- कूच नहीं करने दिया
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं। उनको नहीं जाने देने से हाइवे जाम है। जिसके लिए ग्रामीणों को हरियाणा सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। ताकि वे आगे निकले। जब तक ग्रामीणों का कहना है कि लगातार हाइवे जाम रहने से हाइवे के दुकानदारों के काम धंधे ठप हो गए हैं।