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बाड़मेर2 मिनट पहले
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- श्री क्षत्रिय युवक संघ का बांदरा गांव में तीर्थ दर्शन कार्यक्रम में संघ के उद्देश्य व कार्यों पर संबोधन
श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह ने हमें एक जीवन दर्शन दिया है जिससे हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। धर्म ग्रंथ चाहे गीता हो या बाइबल। हमें परिश्रम करने का संदेश देते हैं। यह बात क्षत्रिय युवक संघ भी कहता है। पुरुषार्थ से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें और जीवन मे आगे बढ़े। कर्तव्य प्राप्ति में ही अधिकार प्राप्ति निहित है।
यह बात शिक्षाविद कमलसिंह चूली ने संघ के तीर्थ दर्शन कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर संघ के देवीसिंह माडपुरा ने कहा कि संघ के प्रथम शिविर में नारायणसिंह हुडील ने कहा था कि हमें अकारण इस संसार में ईश्वर ने नहीं भेजा है अर्थात हमारे यहां आने का कारण ईश्वर ने निर्धारित कर रखा है। इसी निर्धारित कारण क्षात्र धर्म का पालन करना मात्र हमारा उद्देश्य है।
संघ के संभाग प्रमुख कृष्ण सिंह राणीगांव ने संघ की हीरक जयंती व वर्षभर होने वाले आयोजनों की जानकारी देते हुए कहा कि हम किस प्रकार से संघ सापेक्ष जीवन जी सकते हैं। क्षत्रिय युवक संघ का चौथा ओर बाड़मेर का प्रथम शिविर लगा यही संघ के द्वितीय संघ प्रमुख आयुवान सिंह हुडील ने सांघिक जीवन का श्रीगणेश किया। इस स्थान का महत्व है यह किसी भी तीर्थस्थल से कम नहीं है।
दीप सिंह रणधा ने अपने ही सपनों का बना रे सिपाही ओर बाड़मेर प्रांत प्रमुख महिपाल सिंह चूली ने राही जब से आया तेरी नगरिया सहगीत गाया। वीर सिंह शिवकर, प्रकाश सिंह भुरटिया, कमलसिंह राणीगांव, राजेन्द्र सिंह भिंयाड़, स्वरूप सिंह खारा, मांगूसिंह बिशाला, जेतमाल सिंह बिशाला, गुलाब सिंह कोटड़ा, धूड़ सिंह, मलसिंह उण्डखा समेत कई लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर बांदरा निवासियों द्वारा स्नेहभोज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नरपतसिंह चिराणा के नेतृत्व में यज्ञ कर की गई।